0 कवि परिचय
0 आत्मकथ्य़
0 भूमिका के बहानेःजयप्रकाश मानस
अनुक्रम......
// कविताएं //
01. दिल की बात
02. चिंतन
03. सामंजस्य
04. शिकस्त
05. तासीर
06. मन
07. सफ़र
08. मेला
09. फ़र्क
10. लड़की
11. नैतिकता
12. विरासत
13. सभ्य
14. भेद
15. संभावनाएं
16. साया
17. वृक्ष
18. कोख
19. विवशता
20. मैं
21. समयचक्र
22. ज़ज़्बात
23. सोच
24. ख्वाब
25. दो शब्द
26. संबंध
27. बेताबी
28. ‘चंद शब्द’
29. चंद शब्दों में
// ग़ज़लें //
01. चांद फिर भी तन्हा लगता है
02. टूटेसराय की कहानी होने लगी
03. लोग दूसरे शहर का पता पूछने लगे
04. लाख संभाला घरौंदे टूटते गये
05. संग उनकी याद की तस्कीन थी
06. अश्कों की कहानी वफा की बात थी
07. लम्हों की बात है, लम्हों में मिट जाना है।
08. धूप दूसरे आंगन बैठी
09. हवा के पर भी अब कतरने लगे हैं
10. धूप छीनते बाजार में
11. पल-पल डूबती जिंदगी
12. भीड़ भरे शहर में गली का पता
13. समन्दर के आंसू पोंछ जाऊंगा मैं
14. आईने से फिर कुछ पूछने लगा है
15. दर्द की कहानी
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साहित्य की मासिक पत्रिका पढ़िएः www.srijangatha.com
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अनुक्रम......
// कविताएं //
01. दिल की बात
02. चिंतन
03. सामंजस्य
04. शिकस्त
05. तासीर
06. मन
07. सफ़र
08. मेला
09. फ़र्क
10. लड़की
11. नैतिकता
12. विरासत
13. सभ्य
14. भेद
15. संभावनाएं
16. साया
17. वृक्ष
18. कोख
19. विवशता
20. मैं
21. समयचक्र
22. ज़ज़्बात
23. सोच
24. ख्वाब
25. दो शब्द
26. संबंध
27. बेताबी
28. ‘चंद शब्द’
29. चंद शब्दों में
// ग़ज़लें //
01. चांद फिर भी तन्हा लगता है
02. टूटेसराय की कहानी होने लगी
03. लोग दूसरे शहर का पता पूछने लगे
04. लाख संभाला घरौंदे टूटते गये
05. संग उनकी याद की तस्कीन थी
06. अश्कों की कहानी वफा की बात थी
07. लम्हों की बात है, लम्हों में मिट जाना है।
08. धूप दूसरे आंगन बैठी
09. हवा के पर भी अब कतरने लगे हैं
10. धूप छीनते बाजार में
11. पल-पल डूबती जिंदगी
12. भीड़ भरे शहर में गली का पता
13. समन्दर के आंसू पोंछ जाऊंगा मैं
14. आईने से फिर कुछ पूछने लगा है
15. दर्द की कहानी
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